आईवीएफ (IVF) से गर्भधारण एक खूबसूरत अनुभव होता है, लेकिन यह सामान्य गर्भावस्था से थोड़ा अलग हो सकता है। चूंकि यह एक मेडिकल असिस्टेड प्रेग्नेंसी होती है, इसलिए इस दौरान कुछ अतिरिक्त सावधानियों की जरूरत होती है। सही देखभाल और सतर्कता से आप एक स्वस्थ और सुरक्षित गर्भावस्था का आनंद उठा सकती हैं। इस लेख में हम आसान शब्दों में समझेंगे कि आईवीएफ गर्भावस्था के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. आईवीएफ गर्भावस्था में शुरुआती महीनों में विशेष सावधानी बरतें
आईवीएफ गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने (फर्स्ट ट्राइमेस्टर) सबसे संवेदनशील होते हैं। इस दौरान भ्रूण (Embryo) गर्भाशय (Uterus) में सुरक्षित रूप से स्थापित हो रहा होता है, और हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। इसलिए इस समय अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
शुरुआती हफ्तों में अधिक आराम करना जरूरी होता है। भारी सामान उठाने, ज्यादा झुकने, सीढ़ियां चढ़ने और अधिक थकाने वाले काम करने से बचें। यदि इस दौरान हल्का रक्तस्राव (Spotting), पेट में तेज दर्द, अत्यधिक कमजोरी या चक्कर आने जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. दवाओं और हार्मोनल सप्लीमेंट्स का सही तरीके से सेवन करें
आईवीएफ गर्भावस्था के बाद सावधानियां में दवाओं का सही तरीके से सेवन करना सबसे महत्वपूर्ण है। इस दौरान डॉक्टर कुछ विशेष दवाएं देते हैं, जो गर्भावस्था को स्थिर बनाए रखने में मदद करती हैं।
प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) सप्लीमेंट्स गर्भाशय को मजबूत बनाए रखते हैं और गर्भपात (Miscarriage) की संभावना को कम करते हैं। इन दवाओं को डॉक्टर के निर्देशानुसार नियमित रूप से लें और कोई भी डोज भूलने से बचें। इसके अलावा, फोलिक एसिड (Folic Acid), आयरन (Iron) और कैल्शियम (Calcium) सप्लीमेंट्स को भी अपने आहार में शामिल करें।
3. सही आहार का सेवन करें
आईवीएफ गर्भावस्था में पोषण से भरपूर आहार लेना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान शरीर को ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिससे माँ और बच्चे दोनों स्वस्थ रह सकें।
अपने आहार में हरी सब्जियां, ताजे फल, सूखे मेवे, दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करें। आयरन और प्रोटीन से भरपूर आहार लें, जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहे। जंक फूड, बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें और प्रोसेस्ड फूड से बचें, क्योंकि ये पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कैफीन (Caffeine) युक्त चीजें, जैसे चाय और कॉफी का सेवन सीमित करें। रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बेहद जरूरी है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित हो सकें।
4. मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन बनाए रखें
आईवीएफ गर्भावस्था के बाद सावधानियां में मानसिक शांति भी बेहद जरूरी होती है। तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन (Meditation) और हल्के श्वास व्यायाम (Breathing Exercises) करें। सकारात्मक सोच बनाए रखें और ऐसे लोगों से बात करें जो आपको अच्छा महसूस कराएं। बहुत ज्यादा इंटरनेट पर गर्भावस्था से जुड़ी चिंताजनक बातें न पढ़ें, क्योंकि इससे बेवजह डर पैदा हो सकता है।
5. आईवीएफ गर्भावस्था में शुरुआती महीनों में विशेष सावधानी बरतें और नियमित डॉक्टर चेकअप कराएं
आईवीएफ गर्भावस्था में डॉक्टर द्वारा नियमित जांच कराना बेहद जरूरी होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और गर्भावस्था सही दिशा में बढ़ रही है।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय-समय पर सोनोग्राफी (Ultrasound) करवाएं। ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और शुगर लेवल (Sugar Level) की भी निगरानी करवाएं, क्योंकि आईवीएफ गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा थोड़ा अधिक हो सकता है।
अगर कोई भी असामान्य लक्षण, जैसे अधिक थकान, लगातार सिरदर्द, अचानक सूजन या तेज पेट दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
6. हल्की शारीरिक गतिविधि करें
आईवीएफ गर्भावस्था के बाद सावधानियां में हल्की शारीरिक गतिविधि को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
रोजाना हल्की सैर (Walking) करने से शरीर सक्रिय रहता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। योग (Yoga) और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं, लेकिन इन्हें प्रशिक्षित विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
7. यात्रा और भारी काम से बचें
आईवीएफ गर्भावस्था में बहुत ज्यादा सफर करना सही नहीं होता, खासकर शुरुआती और अंतिम महीनों में। लंबी यात्रा के दौरान शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है, जिससे जटिलताएँ हो सकती हैं।
यदि यात्रा करना बहुत जरूरी हो, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें और यात्रा के दौरान ज्यादा थकान न होने दें। नियमित रूप से ब्रेक लें और ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में न बैठें।
8. आईवीएफ गर्भावस्था में नींद लें
गर्भावस्था के दौरान नींद की गुणवत्ता बहुत मायने रखती है। अच्छी नींद न केवल माँ के लिए बल्कि गर्भस्थ शिशु के लिए भी जरूरी होती है।
रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें और सोने की स्थिति का ध्यान रखें। करवट लेकर सोने की आदत डालें, क्योंकि यह गर्भाशय पर दबाव को कम करने में मदद करता है। अगर नींद में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें और कोई भी घरेलू उपाय करने से पहले उनसे पूछें।
9. डिलीवरी की तैयारी पहले से करें
आईवीएफ गर्भावस्था के बाद सावधानियां में यह भी जरूरी है कि डिलीवरी की तैयारी पहले से कर ली जाए।
गर्भावस्था के आखिरी महीनों में अस्पताल का बैग पहले से तैयार रखें, जिसमें जरूरी दस्तावेज, कपड़े, बेबी प्रोडक्ट्स और अन्य आवश्यक चीजें हों। डॉक्टर से समय-समय पर चर्चा करें और जानें कि नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) की संभावना कितनी है या सिजेरियन (C-Section) की जरूरत पड़ सकती है।
आईवीएफ गर्भावस्था में अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सही आहार, नियमित दवाएं, शारीरिक और मानसिक संतुलन, और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह से यह सफर आसान और सुखद बनाया जा सकता है। यह एक खूबसूरत अनुभव है, जिसे पूरे आत्मविश्वास और खुशी के साथ जीना चाहिए।
यदि आपके मन में कोई संदेह या सवाल हैं, तो बिना झिझक अपने डॉक्टर से सलाह लें। बेहतर मार्गदर्शन और विशेषज्ञ देखभाल के लिए Ferticity IVF & Fertility Clinics से संपर्क करें, जहां अनुभवी विशेषज्ञों की टीम आपके हर कदम पर साथ है।
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